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अव्यय
तओ तीए रोसपरव्वसं
तब उसके द्वारा क्रोध की वशीभूतता (को) प्राप्त हुई और
गया
सो
वह
बालो
बालक अग्नि में
जलणम्मि खिविओ सो
फेंक दिया गया
वह
(ती) 3/1 स [(रोस)-(पर)-(व्वस) 2/1] (गया) भूकृ 1/1 अनि अव्यय (त) 1/1 स (बाल) 1/1 (जलण) 7/1 (खिव) भूकृ 1/1 (त) 1/1 स (वर) 1/1 (भोयण) 2/1 (कुण) वकृ 1/1 (उट्ठ) हेकृ (लग्ग) भूक 1/1 अनि (ता) 1/1 स (भण) व 3/1 सक [(अवच्च)-(रूव) 1/2] (क) 4/1 स
वरो
वर
भोयणं
भोजन
कुणंतो उट्टि
लग्गो
सा
करता हुआ उठने के लिए उद्यत हुआ वह (उसने) कहती है (कहा) सन्तानरूप किसी के लिए
भणइ
अवच्चरूवाणि
कस्स
अव्यय
भी
नहीं अप्रिय होते हैं जिनके
कए
लिए
अव्यय अप्पियाणि
(अप्पिय) 1/2 वि होंति
(हो) व 3/2 अक जेसिं
(ज) 6/2 स
अव्यय पिउणो
(पिउ) 1/2 अणेगदेवयापूयादाणमंतजवाइं [(अणेग)+(देवया)+(पूया)+
(दाण)+ (मंत) + (जव)+ (आई)][(अणेग)-(देवया)(पूया)-(दाण)-(मंत)(जव)-(आइ) 2/1]
माता-पिता अनेक देवताओं की पूजा, दान, मंत्र, जप आदि
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प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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