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सेट्ठा जोव्वणवए
श्रेष्ठ यौवन की अवस्था में
वि
भी
सासूभत्तिपरा धम्मकज्जम्मि
सासू की भक्ति में लीन धर्म कार्य में
वह
और
अप्रमादी
अपमत्ता गिहकज्जेसु
गृहकार्यों में
वि
कुसला
नन्ना
कुशल नहीं, अन्य ऐसी
एरिसा इमीए
इसकी
सासू
(सेठ्ठ) 1/1 वि स्त्री [(जोव्वण)-(वअ) 7/1] अव्यय [(सासू)-(भत्ति)-(पर) 1/1 वि] [(धम्म)-(कज्ज) 7/1] (ता) 1/1 स अव्यय (अपमत्त) 1/1 वि [(गिह)-(कज्ज) 7/2] अव्यय (कुसल) 1/1 वि [(न)+ (अन्ना)] (न) अव्यय, अन्ना (अन्न) 1/1 (एरिस) 1/1 वि (इम) 6/1 स (सासू) 1/1 (निब्भग) 1/1 वि (एरिसी) 3/1 वि [(भत्ति)-(वच्छला) 3/1 वि] (पुत्तवहू) 3/1 अव्यय [(धम्म)-(कज्ज) 7/1] [(पेर) + (इज्ज)+(माण)+ (अवि)] [(पेर)-(इज्ज)-(माण) कर्म वकृ] अवि (अव्यय) (धम्म) 2/1 अव्यय (कुण) व 3/1 सक (इम) 2/1 स (सोऊण) संकृ अनि [(बहू)-(गुण)-(रंज) भूकृ 1/1]
सासू
निब्भगा एरिसीए भत्तिवच्छलाए पुत्तवहूए वि धम्मकज्जे पेरिज्जमाणावि
अभागी ऐसी भक्ति प्रेमी पुत्रवधू द्वारा भी धर्म कार्य में प्रेरित किए जाते हुए, भी
धम्म
नहीं
करती है
इसको
कुणेइ इमं सोऊण बहुगुणरंजिआ
सुनकर बहू के गुणों से प्रसन्न हुई
300
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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