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हाहारवं करेन्ता
विलाप करते हुए सब
सव्वे
(हाहारव) 2/1 (कर) वकृ 1/2 (सव्व) 1/2 सवि अव्यय (भड) 1/2 [(पडि)-(नियत्त) भूकृ 1/2 अनि]
वि
भडा
सुभट वापिस लौटे
पडिनियत्ता
15.
अन्ने
अन्य
पुण
गिहधम्म घेत्तूण नराहिवा विसयहुत्ता
(अन्न) 1/2 सवि अव्यय [(गिह)-(धम्म) 2/1] (घेत्तूण) संकृ अनि (नराहिव) 1/2 (दे) [(विसय)-(हुत्त) 1/2 वि] (पत्त) भूकृ 1/2 अनि (साएयपुरी) 1/1 (भरह) 4/1 (फुड) 2/1 क्रिविअ (निवेअ) व 3/2 सक
पत्ता
गृहधर्म को गृहण कर राजा विषयाभिमुख पहुँचे साकेतपुरी भरत को (के लिए) स्पष्ट रूप से कहते हैं
साएयपुरी भरहस्स
निवेएन्ति
16.
सीया-लक्खणसहिओ
सीता व लक्ष्मण सहित
नहीं
लौटे
राम
नियत्तो राघवो गओ रणं सोऊण वयणमेयं
[(सीया)-(लक्खण)-(सहिअ) 1/1] अव्यय (नियत्त) भूकृ 1/1 अनि (राघव) 1/1 (गअ) भूकृ 1/1 अनि (रण्ण) 2/1 (सोऊण) संकृ अनि [(वयणं) + (एयं)] वयणं (वयण) 2/1 एयं (एअ) 2/1 सवि (भरह) 1/1
वन
सुनकर
वचन यह
भरहो
भरत
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प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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