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________________ पाठ - कुम्मे 1. जंबू! तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणारसी नामं नयरी होत्था, तीसे णं वाणारसीए नयरीए बहिया उत्तर - पुरच्छिमे दिसिभागे गंगाए महानदीए मयंगतीरद्दहे नामं दहे होत्था, अणुपुव्व-सुजाय - वप्प- - गंभीर - सीयल-जले अच्छ-विमल-सलिल-पलिच्छन्ने 116 13 2. तत्थ णं बहूणं मच्छाण य कच्छपाण य गाहाण य मगराण य सुंसुमाराण य सइयाण य साहस्सियाण य सयसाहस्सियाण य जूहाई निब्भयाइं निरुव्विग्गाई सुहंसुहेणं अभिरममाणाइं अभिरममाणाइं विहरंति । Jain Education International 3. तस्स णं मयंगतीरद्दहस्स अदूरसामंते एत्थ णं महं एगे मालुया - कच्छए होत्था, तत्थ णं दुवे पावसियालगा परिवसंति - पावा चंडा रोद्दा तल्लिच्छा साहसिया लोहियपाणी आमिसत्थी आमिसाहारा आमिसप्पिया आमिसलोला आमिसं गेवसमाणा रत्तिं वियालचारिणो दिया पच्छन्नं चावि चिट्ठति । 4. तए णं ताओ मयंगतीरद्दहाओ अन्नया कयाइं सूरियंसि चिरत्थमि-यंसि लुलियाए संझाए पविरलमाणुसंसि णिसंतपडिणिसंतंसि समाणंसि दुवे For Private & Personal Use Only प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ www.jainelibrary.org
SR No.002691
Book TitlePrakrit Gadya Padya Saurabh Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2009
Total Pages384
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size10 MB
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