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मृगेण
पशु के द्वारा
आमिसु
मांस
हिप्पड़
छीना जाता है
(मृग) 3/1 अव्यय (आमिस) 1/1 (हिप्पइ) व कर्म 3/1 सक अनि (मणुय) 6/1 (मणुअ) 3/1 अव्यय (वस) 1/1
मणुयहु
मनुष्य का मनुष्य के द्वारा
मणुएण
जि
वसु
प्रभुत्व
६. . fFFFar.raf.
रक्खाकंखइ
रएप्पिणु
एक्कहु
[(रक्खा)- (कंखा-कंखाए-कंखाइ) 3/1] रक्षा की इच्छा से (जूह-वूह) 2/1
व्यूह (रअ) संकृ
रचकर (एक्क) 6/1 वि
एक की परसर्ग
सम्बन्धार्थक (आणा) 1/1
आज्ञा (लअ) संकृ
लेकर
केरी
आण
लएप्पिणु
णिवसंति तिलोइ गविट्ठउ
(त) 1/2 सवि (णिवस) व 3/2 अक
निवास करते हैं (तिलोअ) 7/1
त्रिलोक में (गविठ्ठअ) भूकृ 1/1 अनि
खोज किया हुआ (सीह) 6/1 परसर्ग
सम्बन्धार्थक (वंद) 1/1
समूह अव्यय
नहीं (दिट्ठअ) भूकृ 1/1 अनि 'अ' स्वार्थिक देखा गया
सीहहु केरउ
सिंह का
दिट्ठउ
1.
माणभंगि
मान के भंग होने पर
वर
[(माण)-(भंग) 7/1] (वर) 1/1 वि (मरण) 1/1
श्रेष्ठ
मरणु
मरण
अपभ्रंश काव्य सौरभ
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