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पाठ -5 पउमचरिउ
सन्धि
- 83
83.2
9.
.
इतना
(एत्त+अडअ) 1/1 वि (दोस) 1/1
दोष
अव्यय
किन्तु
4.MAA
(रहुवइ) 8/1
रघुपति
अव्यय
अव्यय (परमेसरी) 1/1
परमेश्वरी
परमेसरि णाहिँ
अव्यय
नहीं
(घर) 7/1
घर में
अव्यय
नहीं
पमायहि
भटकें
लोयहुँ.
लोगों के
छन्देण
छल से
आणेवि
(पमाय) विधि 2/1 अक (लोय) 6/2 (छन्द) 3/1 (आण+एवि) संकृ (का) 1/1 सवि (परिक्खा ) 2/1 (कर) विधि 2/1 सक
जानकर, समझकर कोई भी
कावि
परिक्ख
परीक्षा
को
को
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अपभ्रंश काव्य सौरभ
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