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प्रथमा
द्वितीया
तृतीया
चतुर्थी व षष्ठी
पंचमी
सप्तमी
सम्बोधन
एकवचन
कहा ( 4/448 )
प्राकारान्त स्त्रीलिंग - कहा
कहं ( 3 / 124, 3/5, 3 / 36 )
कहा, कहाइ, कहाए
(3/29, 3/30)
कहा, कहाइ, कहाए
(2/29, 3/30)
कहा, कहाइ, कहाए ( 3 / 29, 3/30)
कहत्तो, कहा, कहाउ, हाति (3 / 124,
3/8, 3/126, 3/127)
कहादो, कहादु (3/124, 3/8)
कहान, कहाइ, कहाए (3/29, 3/30)
हे कहा, हे कहे ( 3 / 41 )
प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ ]
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बहुवचन
कहा (3/124, 3/4). कहा, कहा (3/27)
कहा (3 / 124, 3/4), कहाउ, कहाओ ( 3/27)
कहाहि, कहाहि, कहाहिं (3/124, 3/7)
कहारण (3/124, 3/6), कहाणं (1/27)
कहत्तो, कहानी, कहाउ, कहाहितो, कहा तो (3/124, 3 / 9, 3/127) कहादो, कहादु ( 3 / 124, 3 / 9)
कहासु (4/448), कहासुं (1/27)
हे कहा, है कहा, हे कहाओ (4/448)
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