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121. दुवे दोणि वेणि च जस्-शसा 3/120
दुवे (दुवे) 1/1 दोषिण (दोण्णि) 1/1 वेण्णि (वेण्णि) 1/1 च=और [(जस्) - (शस्) 3/1] जस्-शस् सहित दुवे, दोणि, वेण्णि और (दो, वे होते हैं)। द्वि से परे जस् (प्रथमा बहुवचन के प्रत्यय) और शस् (द्वितीया बहुवचन के प्रत्यय) सहित दुवे, दोण्णि, वेण्णि और दो, वे होते हैं ।। द्वि-(द्वि+जस्) =दुवे, दोण्णि, वेण्णि, दो, वे, दुण्णि, विपिण
(प्रथमा बहुवचन) (द्वि+शस्) =दुवे, दोषिण, वेण्णि, दो, वे, दुरिण, विण्णि
(द्वितीया बहुवचन) ६. नोट-दुपिण, विणि हेमचन्द्र की वृत्ति के अनुसार हुए हैं ।
122. स्तिण्णिः 3/121
स्तिण्णिः [(a)+ (तिण्णिः )] ः (त्रि) 5/1 तिण्णि: (तिण्णि ) 1/1 त्रि से परे (जस्, शस् सहित) तिणि (होता है)। त्रि से परे जस् (प्रथमा बहुवचन के प्रत्यय) और शस् (द्वितीया बहुवचन के प्रत्यय) सहित तिण्णि होता है । त्रि-(त्रि+जस्) =तिण्णि (प्रथमा बहुवचन)
(त्रि+शस्) =तिण्णि (द्वितीया बहुवचन)
123. चतुरश्चत्तारो चउरो चत्तारि 3/122
चतुरश्चत्तारो चउरो चत्तारि [(चतुरः)+ (चत्तारो)] चतुरः (चतुर्) 5/1 चत्तारो (चत्तारो) 1/1 चउरो (चउरो) 1/4 चत्तारि (चत्तारि) 1/1 . चतुर् से परे (जस्, शस् सहित) चत्तारो, चउरो, चत्तारि (होते हैं)।
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[ प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ
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