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________________ प्राम् (षष्ठी बहुवचन के प्रत्यय) सहित तु, वो, मे, तुम्भ, तुम्भ, तुमारण, तुवाण, तुमाण तुहाण, उम्हाण (होते हैं)। तुम्ह (पु., नपु., स्त्री.)-तुम्ह+पाम् । = तु. वो, भे, तुब्भ, तुब्भ तुब्माण, तुवाण, तुमाण, तुहाण, उम्हाण (षष्ठी बहुवचन) 100. तुमे तुमए तुमाइ तइ तए ङिना 3/101 तुमे (तुमे) 1/1 तुमए (तुमए) 1/1 तुमाइ (तुमाइ) 1/1 तइ (तइ) 1/1 तए (तए) 1/1 डिना (ङि) 3/1 ङि सहित (तुम्ह के) तुमे, तुमए, तुमाइ, तइ, तए (होते हैं)। ङि (सप्तमी एकवचन के प्रत्यय) सहित तुम्ह के तुमे, तुमए, तुमाइ, तइ, तए होते हैं। तुम्ह (पु., नपु, स्त्री.)- (तुम्ह + ङि)-तुमे, तुमए, तुमाइ, तइ, तए (सप्तमी एकवचन) 101. तु-तुव-तुम-तुह-तुब्भा डौ 3/102 तुम्भा डौ [(तुम्माः )+(ौ) [(तु)-(तुव)-(तुम)-(तुह)- (तुब्भ) 1/3] डो (ङि) 7/1 ङि परे होने पर (तुम्ह के) तु, तुव, तुम, तुह, तुम होते हैं । ङि (सप्तमी एकवचन के प्रत्यय) परे होने पर (तुम्ह के) तु, तुव, तुम, तुह, तुब्भ होते हैं (फिर इनमें सप्तमी एकवचन बोधक प्रत्यय लगते हैं) (सूत्र 3/59)। तुम्ह (पु , नपु. स्त्री.)-(तुम्ह+ङि)=तु, तुव, तुम, तुह, तुम्भ (तु +म्मि, रिस, त्थ)=तुम्मि, तुस्सि, तुत्थ (तुब+म्मि, स्सि, त्थ)=तुवम्मि, तुस्सि, तुवत्थ (तुम+म्मि, स्सि, स्थ)=तुमम्मि, तुमस्सि, तुमत्थ (तुह+म्मि, स्सि, त्थ)=तुहम्मि, तुहस्सि, तुहत्थ (तुब्भ+म्मि, रिस, त्थ)=तुमम्मि, तुम्भस्सि, तुब्मस्थ (सप्तमी एकवचन) 58 ] [ प्रौढ प्राकृत रचना सौरम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002688
Book TitlePraudh Prakrit Rachna Saurabh Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1999
Total Pages248
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size6 MB
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