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ङसि परे होने पर (तुम्ह के) तइ, तुव, तुम, तुह, तुब्भ (होते हैं)। तुम्ह सर्वनाम शब्द के ङसि (पंचमी एक वचन के प्रत्यय) परे होने पर तुम्ह के स्थान पर तइ तुव, तुम, तुह, तुभ होते हैं । (फिर इनमें पंचमीबोधक प्रत्यय लगते हैं) (सूत्र 3/8, 3/12) । तुम्ह (पु., नपु , स्त्री.)-(तुम्ह+ङसि)=त इत्तो, तईओ, तईउ, तईहिन्तो,
तुवत्तो, तुवामो, तुवाउ, तुवाहि, तुवाहिन्तो, तुवा, तुमत्तो, तुमानो, तुमाउ, तुमाहि, तुमाहितो, तुमा, तुहत्तो, तुहानो, तुहाउ, तहाहि, तहाहिन्तो, तुहा, तुब्मत्तो, तुब्मामो, तुब्माउ, तुम्माहि, तुम्माहितो, तुम्मा
(पंचमी एकवचन) 96. तुम्ह तुब्भ तहितो ङसिना 3/97
तुय्ह (तुम्ह) 1/1 तुम्भ (तुम्भ) 1/1 तहितो (तहितो) 1/1 डसिना (ङसि) 3/1 ङसि सहित (तुम्ह के) तुम्ह, तुब्म, तहितो (होते हैं)। इसि (पंचमी एकवचन के प्रत्यय) सहित तुम्ह के तुम्ह, तुम, तहितो होते हैं । तुम्ह (पु., नपु., स्त्री.)-(तुम्ह+ ङसि) == तुम्ह, तुब्भ, तहितो
(पंचमी एकवचन) 97. तुम्भ-तुय्होय्होम्हा भ्यसि 3/98
तुभ-तुम्होरहोम्हा भ्यसि [(तुम्ह)+ (उय्ह)+ (उम्हाः)+(म्यसि)] [(तुम)-(तुम्ह)-(उय्ह)-(उम्ह) 1/3] भ्यसि (म्यस्) 7/1 भ्यस् परे होने पर (तुम्ह के स्थान पर) तुब्भ, तुम्ह, उय्ह, उम्ह (होते हैं)। भ्यस् (पचमी बहुवचन का प्रत्यय) परे होने पर तुम्ह के स्थान पर तुम , तुम्ह, उय्ह, उम्ह होते हैं (फिर इनमें पंचमीबोधक प्रत्यय लगते हैं) (सूत्र 3/9, 3/12, 3/13)।
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[ प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ
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