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75. न स्थः 3/76
न-नहीं स्थ: (त्थ) 1/1 स्थ नहीं (होता है)। इम पुल्लिग सर्वनाम के सप्तमी एकवचन में स्थ प्रत्यय नहीं होता है ।
76. पोऽम् शस्टा-भिसि 3/77
णोऽम्-शस्टा-भिसि [(णः)+ (अम्] [(शस्)+(टा)] रण. (ण) 1/1 [(अम्)-(शस्)-(टा)-(भिस्) 7/1] अम्, शस्, टा, भिस परे होने पर (विकल्प से) ण (होता है)। अकारान्त पुल्लिग सर्वनाम इम के प्रम् (द्वितीया एकवचन के प्रत्यय), शस् (द्वितीया बहुवचन के प्रत्यय), टा (तृतीया एकवचन के प्रत्यय), भिस् (तृतीया बहुवचन के प्रत्यय) परे होने पर विकल्प से ण होता है । " में विभक्तिबोधक प्रत्यय लग जाते हैं। इम (पु.)- (इम→ण+अम्)=(ण + )=णं (अम् = ''
सूत्र 3/5 से) (द्वितीया एकवचन) (इम-ण+शस्)=(ण+o)=णा (शस्='0' सूत्र 3/4,
3/12 से दीर्घ) (द्वितीया बहुवचन) (इम+ण+शस्)=(ण+०)=णे (शस्='0' 3/4 से, सूत्र
3/14 से 'ए') (द्वितीया बहुवचन) (इम+ण+टा)=(ण+इणा)=रिगणा (टा='इणा' सूत्र
___3/69) (तृतीया एकवचन) (इम+ण+मिस्) (ण+हि, हिं, हिं)=णेहि, हिँ, हिं
(मिस् =हि, हिं, हिं सूत्र 3/7, 3/15) (तृतीया बहुवचन) 77. अमेणम् 3/78
अमेणम् (अमा)+(इणम्)] अमा (अम्) 3/1 इणम् (इणम्) 1/1
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[ प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ
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