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(4)
___(1)
100.
-
(2) 3/101
(3) तुमे तुमए तुमाइ तइ तए डिना
101.
3/102
तु-तुव-तुम-तुह-तुब्मा को [(तुब्भाः )+(ङा)]
102.
3/103
सुपि
103.
3/104
13
मो म्ह-ज्झो वा [(न्म:)+ (म्ह)]
104.
3/105
13
अस्मदोम्मि अम्मि अम्हि हं अहं अयं सिना [(अस्मदः) + (म्मि)]
xxxxi
। प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ
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