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(4)
(1) 31.
(2) 3/32
(3) अजातः पुंसः
32.
3/33
6, 15, 1
कि-यत्तदोऽस्यमामि [(यत्)+ (तद: →ततः)-F(अ)+ (सि) + (अम्)+ (आभि)]
33.
3/34
छाया-हरिद्रयोः
34.
3/35
स्वस्रादेह [(स्वतृ)-(प्रादेः)+(डा)]
3/36
ह्रस्वोमि [(ह्रस्वः )+(मि)]
36.
3/37
3/37
नामन्च्यात्सो मः [(न)- (अामन्त्र्यात्।]
37.
3/38
डो दीर्घोवा [ (दीर्घः)+ (वा)]
xv ]
[ प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ
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