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नपुंसकलिंग- एक्क, इक्क, एग, एम (एक)
एकवचन
प्रथमा
एक्कं, इक्कं, एगं एनं (3/25)
द्वितीया
एक्क, इक्क, एगं, एग्रं (3/5)
तृतीया
एक्के ण, इक्केण, एगेण, एएण (3/6, 3/14), एक्केणं, इक्केणं, एगेणं, एएणं (1/27)
चतुर्थी
एक्काय, इक्का य, एगाय, एग्राय (3/132), एक्कस्स, इक्कस्स, एगस्स, एअस्स (3/131; 3/10)
पंचमी
एकत्तो, इकत्तो, एगत्तो, एप्रत्तो, एक्कामो, इक्कामो, एगाओ, एप्रायो, एक्क्राउ, इक्काउ, एगाउ, एग्राउ, एक्काहि, इक्काहि, एगाहि, एमाहि, एक्काहितो, इक्काहितो, एगाहितो, एमाहितो, एक्का , इक्का , एगा, एग्रा (3/8,3/12, 1/84), एक्कादो, इक्कादो, एगादो, एपादो, एक्कादु, इक्कादु, एगादु, एप्रादु (3/8)
षष्ठी
एक्कस्स, इक्कस्स, एगस्स, एअस्स (3/10)
सप्तमी
एक्कस्सि, इक्कस्सि, एगस्सि, एअस्सि, एक्कम्मि, इककम्मि, एगम्मि, एअम्मि, एक्कत्थ, इक्कत्थ, एगत्थ, एप्रस्थ (3/59), एक्कहिं, इक्कहिं, एगहि, एअहिं (3/60), एक्कम्हि, इक्कम्हि, एगम्हि, एअम्हि, एक्कसि, इक्कंसि, एगंसि, एग्रंसि
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[ प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ
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