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98. अट्ठाणवइ, अट्ठाणउइ 99. णवणवइ, णवण उइ
अट्ठानवे निन्नानवे
100.
सय
दुसय तिसय, तिणि सय चत्तारि सय पणसय, पञ्चसय छसय, छस्सय
दो सौ तीन सौ चार सौ पांच सौ छः सौ सात सौ पाठ सौ नौ सौ हजार
सत्तसय
अट्ठसय नवसय
सहस्स
दससहस्स
दस हजार
लक्ख
लाख
दहलक्ख कोडि दहकोडि
दस लाख करोड़ दस करोड़
___ उपर्युक्त सभी शब्द निश्चित संख्यावाची गणना-बोधक विशेषण हैं। इनके लिंग, वचन और विभक्ति को निम्न प्रकार समझा जाना चाहिए
संख्यावाची शब्द 'एक्क' के रूप पुल्लिग में पुल्लिग सव्व के समान, नपुंसकलिंग में नपुंसकलिंग सव्व के समान व स्त्रीलिंग में स्त्रीलिंग सम्वा के समान होते
प्रौढ प्राकृत रचना सौरम ]
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