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नपुंसकलिंग-क (कौन)
एकवचन
बहुवचन
प्रथमा
किं (3/89)
काई, काइँ, काणि (3/26)
द्वितीया
कि (3/80)
काई, काई, काणि (3/26)
तृतीया
केण (376, 3/14), केणं (1/27), किणा (3169)
केहि, केहि, केहि (3/7, 3/15)
चतुर्थी व षष्ठी
कस्स (3/10), कास (3/63)
काण (3/6, 3/12), काणं (1/27), कास (3/62), केसि (3/61)
पंचमो
कत्तो, कामो, काउ, काहि, काहितो, का (3/8, 3/12, 1184), कम्हा (3/66), किणो, कीस (3/68), कादो, कादु (/8)
कत्तो, कामो, काउ (319, 3/12, 1/84), काहि, काहितो, कासुतो (3/9, 3/13), केहि, केहितो, केसुंतो (3/9, 3/15), कादो, कादु (379)
सप्तमी
कस्सि, कम्मि, कत्थ (359), कहिं (3/60), काहे, काला, कइया (3/65), कम्हि, कंसि
केसु (3/15), केसुं (1/27)
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। प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ
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