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पाठ 42
वर्तमान कृदन्त अपभ्रंश में 'हँसता हुआ', 'सोता हुआ', 'नाचता हुआ' आदि भावों को प्रकट करने के लिए वर्तमान कृदन्त का प्रयोग किया जाता है। क्रिया में निम्नलिखित प्रत्यय लगाकर वर्तमान कृदन्त बनाए जाते हैं। वर्तमान कृदन्त विशेषण का कार्य करते हैं। अत: इनके लिंग (पुल्लिग, नपुंसक, स्त्री), वचन (एक, बहु) और कारक (कर्ता, कर्म आदि) विशेष्य के अनुसार होंगे। इनके रूप पुल्लिंग में 'देव' के समान, नपुंसकलिंग में 'कमल' के समान तथा स्त्रीलिंग में 'कहा' के समान चलेंगे। वर्तमान कृदन्त अकारान्त होता है। स्त्रीलिंग बनाने के लिए कृदन्त में 'आ' प्रत्यय भी जोड़ा जाता है, तो वह शब्द आकारान्त स्त्रीलिंग बन जाता है। (क) अकर्मक क्रियाएँ हस = हँसना, णच्च = नाचना,
जग्ग = जागना वर्तमान कृदन्त के प्रत्यय हस
णच्च
जग्ग न्त हसन्त = हँसता हुआ णच्चन्त = नाचता हुआ जग्गन्त = जागता हुआ माण हसमाण = हँसता हुआ णच्चमाण = नाचता हुआ जग्गमाण = जागता हुआ
(1) वाक्यों में प्रयोग - विशेष्य :
नरिंदु | हसन्तु/हसन्तो/ नरिंदो हसन्त/हसन्ता नरिंद
हसमाणु/हसमाणो/ हसमाण/हसमाणा
पुल्लिग, एकवचन, प्रथमा विभक्ति (कर्ता कारक) (सभी कालों में)
(वर्तमानकाल) उट्ठइ = राजा हँसता हुआ उठता है।
(विधि एवं आज्ञा) उ?उ = राजा हँसता हुआ उठे।
(भूत कृदन्त-भूतकाल) | उहिअ = राजा हँसता हुआ उठा।
(भविष्यत्काल) उ8सइ = राजा हँसता हुआ उठेगा।
नरिंदा
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अपभ्रंश रचना सौरभ
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