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पाठ 38 आकारान्त संज्ञा (स्त्रीलिंग)
प्रथमा एकवचन ससा = बहिन, अकर्मक क्रियाएँ हस = हँसना,
जग्ग = जागना प्रथमा (एकवचन)
वर्तमानकाल(एकवचन)
माया
= माता
ससा
। हसइ/हसेइ/हसए
= बहिन हँसती है।
सस ।
माया ।
जग्गइ/जग्गेइ/जग्गए
= माता जागती है।
माय
प्रथमा (एकवचन)
विधि एवं आज्ञा(एकवचन)
ससा ] हसउ/हसेउ
= बहिन हँसे।
माया
माय /
जग्गउ/जग्गेउ
=माता जागे।
प्रथमा (एकवचन) ससा । हसेसइ/हसेसए सस । हसिहिइ/हसिहिए
भविष्यत्काल (एकवचन) = बहिन हँसेगी।
माया
= माता जागेगी।
माय ।
जग्गेसइ/जग्गेसए जग्गिहिइ/जग्गिहिए
2.
ससा/सस = प्रथमा एकवचन (आकारान्त स्त्रीलिंग)। आकारान्त स्त्रीलिंग शब्द 'ससा' के '0' और 0-हस्व (आ-अ) प्रत्यय प्रथमा के एकवचन में लगे हैं।
अपभ्रंश रचना सौरभ
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