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प्रथमा (बहुवचन)
कमलई'
कमलाई
कमल
कमला
धण
धणाई
धण
धणा
विअसेसहिं / विअसेसन्ति विअसि हिहिं / विअसिहिन्ति
वड्ढेसहिं / वड्ढेसन्ति बड़हिहिं / बढिहिन्ति
अपभ्रंश रचना सौरभ
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भविष्यत्काल (बहुवचन)
= कमल खिलेंगे।
कमलइं/कमलाइं/कमल/कमला = प्रथमा बहुवचन (अकारान्त नपुंसकलिंग ) । अकारान्त नपुंसकलिंग शब्द 'कमल' में प्रथमा के बहुवचन में 'ई', इं आई, '0', 0 - आ प्रत्यय लगे हैं।
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= धन बढ़ेंगे।
उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं। कर्तृवाच्य में कर्ता में प्रथमा होती है।
उपर्युक्त सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं।
उपर्युक्त क्रियाओं के साथ जो क्रियारूप काम में आया है, वह 'अन्य पुरुष बहुवचन' का है।
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कर्तृवाच्य में प्रयुक्त संज्ञाओं के साथ 'अन्य पुरुष सर्वनाम' की क्रिया काम में आती है | यहाँ संज्ञा बहुवचन में है, अत: क्रिया भी बहुवचन की ही लगी है ।
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