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तुहुँ = तुम अकर्मक क्रियाएँ
1.
2.
14
हस = हँसना,
रूस =
रूसना,
जीव = जीना
तुहुं
तुहुं
तुहुं
तुहं
तुहुं
तुहुं
तुहुं
पाठ 10
सर्वनाम
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सय = सोना,
लुक्क = छिपना,
विधि एवं आज्ञा
हसि / हसे / हसु / हस
हसहि / हसेहि / हससु / हसेसु
सयि/सये/सयु / सय सयहि/सयेहि/सयसु/सयेसु
च्चि / णच्चे /णच्चु / णच्च
णच्चहि/णच्चेहि/णच्चसु / णच्चेसु
रूसि/रूसे/रूसु/रूस रूसहि/रूसेहि/रूससु/रूसेसु
लुविक/लुक्के/लुक्कु/लुक्क लुक्कहि/लुक्केहि/लुक्कसु/लुक्केसु
जग्ग / जग्गे / जग्गु / जग्ग
जग्गहि / जग्गेहि / जग्गसु/जग्गेसु
जीवि / जीवे / जीवु / जीव
जीवहि / जीवेहि / जीवसु / जीवेसु
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णच्च = नाचना
जग्ग = जागना
= तुम हँसो |
=
मध्यम पुरुष एकवचन
=
तुम सोवो ।
=
- तुम रूसो ।
=
तुम नाचो ।
तुम छिपो ।
- तुम जागो ।
तुम जीवो
तुहुं = तुम, मध्यम पुरुष एकवचन (पुरुषवाचक सर्वनाम) ।
विधि एवं आज्ञा के मध्यम पुरुष एकवचन में 'इ', 'ए', 'उ', '0', 'हि' और 'सु'
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अपभ्रंश रचना सौरभ
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