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क्र.सं.
152 मारुअ
मित्त
मुणि
मेरु
मेह
मेहा
रक्खस
रज्ज
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संज्ञा शब्द
214
रज्जु
रत्त
रत्ति
रयण
रवि
रहु
रहुणन्दण
रहुवइ
राय
रिउ
च
रिण
रिद्धि
रिसि
रूप
लक्कुड
लच्छी
वण
वत्थ
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अर्थ
पवन
मित्र
मुनि
पर्वत विशेष
मेघ
बुद्धि
राक्षस
राज्य
रस्सी
रक्त
रात
रत्न
सूर्य
रघु
राम
रघुपति
नरेश
दुश्मन
कर्ज
वैभव
मुनि
रूप
लकड़ी
लक्ष्मी
जंगल
वस्त्र
लिंग
(b) 5) 5)
पु.
पु.
पु.
b)
पु.
स्त्री.
क
حب الحب الحب من الحب حب هي هي من حب الحب
पु.
पु.
स्त्री.
नपु.
स्त्री.
पु.
नपु.
पु.
पु.
पु.
पु.
पु.
नपु.
स्त्री.
عب الحب الحب و الحب الحب
पु.
नपु.
नपु.
स्त्री.
नपु.
पु.
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पृ.सं.
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अपभ्रंश रचना सौरभ
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