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संबोधन बहुवचन
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अपभ्रंश रचना सौरभ
पुल्लिग
देव - अ 0, 0-आ हो, हो-आहो
हरि - इ 0,0-ई हो, हो हो
गामणी - ई 0,0-
5 हो, हो-इहो
0
साहु - उ
, 0-ऊ हो, हो हो
सयंभू - ऊ 0, 0-उ हो, हो-उहो
नपुंसकलिंग
इ
महु - उ
0
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कमल - अ 0, 0-
आ इं, इ-आइं हो, हो-आहो
वारि - इ
, 0-ई इं, इ-ईई हो, हो-हो
0, 0-ऊ इं, ई-ऊई हो, हो-ऊहो
स्त्रीलिंग
कहा - आ मइ - इ लच्छी - ई धेणु - उ बहू - ऊ 0.0अ0,0- ई0, 0- 50,0-
30, 0-उ उ, उ• अउ उ, उ-ईउ उ, उ-इउ उ, उ-ऊउ उ, उ-उउ ओ, ओअओ ओ, ओ ईओ ओ, ओ-इओ ओ, ओ-ऊओ ओ, ओ-उओ हो, हो- अहो हो, हो-ईहो हो, हो-इहो हो, हो-ऊहो हो, हो-उहो
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