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अकर्मक क्रियाएँ
गल = गलना,
चुअ
इच्छ = इच्छ करना
सो
हउं
तुहुं
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= टपकना
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= प्रकट होना
फुर
जग्ग - जागना
षष्ठी बहुवचन
सामि / सामी /
सामहं / सामीहं / सामिहुं / सामी हुँ
साहु/ साहू /
साहुहं / साहूहं /
साहुहु/ साहूहूं
वत्थु /वत्थू /
वत्थुहं / वत्थूहं /
वत्थहुं / वत्थूहुं
सामि / सामी / आदि
साहु/ साहू/आदि
}
• गव्व/गव्वु / गलइ /आदि गव्वो/गव्वा
तेउ / तेऊ
सकर्मक क्रियाएँ
कर = करना
पढ = पढ़ना
भोयणा/ भोयणा
इ/आदि
फुरइ /
जागरउं / आदि
=
=
णाण / णाणा / करइ / आदि = वह पदार्थों का
णाणु
ज्ञान करता है।
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स्वामियों का गर्व
गलता है।
=
साधुओं का तेज
प्रकट होता है।
मैं स्वामियों के
लिए जागता हूँ ।
इच्छहि / आदि = तुम साधुओं के
लिए भोजन चाहते हो ।
अपभ्रंश रचना सौरभ
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