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सो
तुहुं
तुहुं
नोट -
140
चतुर्थी बहुवचन नरिंद/ नरिंदा हं/दाहं
परिक्खा / परिक्ख /
}
परिक्खाहु / परिक्खहु
अम्हहं
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गंथ / गंथा / गंधु कीणइ / आदि
>गंथ / गंथा/गंधु पढहि / आदि
इसी प्रकार चतुर्थी के अन्य वाक्य बना लेने चाहिए।
= वह राजाओं के लिए ग्रन्थ खरीदता है।
णच्चहि / आदि = तुम हमारे लिए नाचते हो ।
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= तुम परीक्षाओं के लिए पुस्तक पढ़ते हो ।
अपभ्रंश रचना सौरभ
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