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अभाव
गुणस्थान | भाव व्युच्छित्ति | भाव अनि. 3 क.अवेद | सूक्ष्म.
उपशांत
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क्षीण मोह संयोग के वली
संदृष्टि नं. 88
अनाहारक मार्गणा भाव (48) अनाहारक मार्गणा में 48 भाव होते है जो इस प्रकार है - उपशम सम्यक्त्व, क्षायिक भाव 9, मति, श्रुत, अवधि ज्ञान, कुमति, कुश्रुत ज्ञान, दर्शन 3, क्षयो. लब्धि 5, क्षयोपशम सम्यक्त्व, गति 4, कषाय 4, लिंग 3, लेश्या 6, मिथ्यादर्शन, असंयम, अज्ञान, असिद्धत्व, पारिणामिक भाव 3 | गुणस्थान मिथ्यात्व, सासादन, असंयत, सयोग केवली ये चार होते है। संदृष्टि इस प्रकार है। गुणस्थान भाव व्युच्छित्ति भाव । अभाव मिथ्यात्व 2 (मिथ्यात्व, 3 (कुज्ञान 2, दर्शन 2 | 15 (उपशम सम्यक्त्व, अभव्यत्व)
क्षयोपशम लब्धि 5, गति क्षायिक भाव 9, 4, कषाय 4, लिंग 3, |क्षयोपशम सम्यक्त्व, लेश्या 6, मिथ्यात्व,
ज्ञान 3, अवधि दर्शन) असंयम, अज्ञान, असिद्धत्व, पारिणामिक
माव 3) सासादन 3 (कुज्ञान 2, 30 (उपर्युक्त 33- 18 (उपर्युक्त स्त्री वेद) मिथ्यात्व, अभव्यत्व, 15+मिथ्यात्व, अभव्यत्व, नरकगति)
नरकगति)
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