________________
मेरे लेखन, संशोधन, सम्पादन आदि कार्यों में आयुष्मान मंजुल जैन और उसकी धर्मपत्नी अखण्ड सौभाग्यवती नीलम जैन, पुत्र विशाल जैन, पौत्री तितिक्षा जैन और पौत्र वर्धमान जैन का निरन्तर अविच्छिन्न रूप से सहयोग रहा है अतः इन सब के प्रति मेरी अन्तरंग हार्दिक शुभाशीष ।
- म० विनयसागर
जयपुर दिनांक श्रावणी पूर्णिमा, सं० २०६१
प्रस्तावना
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org