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४१.
च० संज्ञक । आगमप्रभाकर मुनि श्रीपुण्यविजयजी संग्रह, पत्र ३, ले०
१६वीं शती। संज्ञक । काव्यमाला का सप्तम गुच्छक, प्रकाशित। स्तभन-पार्श्वनाथस्तोत्र (विनयविनमद्) जैसलमेर ज्ञान भंडारस्थ प्रति के आधार से लिखित मुनि श्री रमणीकविजयी महाराज की प्रेसकॉपी से।
स्व-संग्रह, पत्र १, लेखन १८वीं शती। ४२-४३.स्तम्भनपार्श्वनाथस्तोत्र - श्री जिनभद्रसूरि ज्ञान भण्डार, जैसलमेर
की ताडपत्रीय प्रति के आधार से। ४४. भारती स्तोत्र
गणिवर्य श्री बुद्धिमुनिजी लिखित प्रेसकॉपी से। ४५. नवकार स्तोत्र
अ० ब० स० संज्ञक । अभय जैन ग्रंथालय बीकानेर, तीनों ही १७वीं सदी की लिखित हैं।
मु० संज्ञक । प्रकाशित । २६. सर्वजिनपंचकत्याणक स्तोत्र (पणय सुर०), २८. बहुविधजातियुक्तं प्रथम जिनस्तव (सयलभुवणिक्क ०), ३२. महावीरविज्ञप्तिका (सुरनरवर०), २४. नंदीसरचेइयसंथवणं, ३५. पंचकल्याणकस्तोत्र (प्रीतद्वात्रिंशत्०), ३७. पार्श्वजिनस्तोत्र (नमस्यद्गीर्वाण०), ३८. पार्श्वनाथस्तोत्र (पायात् पार्श्व०), ३९. पार्श्वनाथस्तोत्र (देवाधीश०) इन स्तोत्रों का सम्पादन निम्न प्रतियों के आधार से किया गया है :१. स्वाध्याय पुस्तिका, बृहत्ज्ञानभंडार (बड़ा उपासरा), बीकानेर, सं०
१४३० कार्तिक शुक्ला १ तेजकीर्ति लिखित गुटका साइज, शुद्ध,
प्रस्तावना
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