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सर्वजिनपञ्चकल्याणकस्तोत्रम्
नाण सुपासे ४६ सत्तमि, सुपास मुक्खो ४७ ससिस्स नाणं च ४८ । सुविहिचुई नवमीए ४९, इक्कारसि नाणमुसभस्स ५० ॥ ११ ॥ सिज्जंस जम्मु ५१ सुव्वयं नाणं बारसिंहिं ५२ दिक्ख सेयंसे । तेरसि ५३ चउदसि जम्मो ५४, पनरसि दिक्खा ५५ उ वसुपुज्जे ॥ १२ ॥ सियबीय चउत्थि अट्ठमि चवणं अर-मल्लि - संभवजिणाणं ५६-५८। बारसि मुक्खो मल्लिस्स ५९ जयइ मुणिसुव्वय-वयं च ६०॥ १३॥ चित्ताइचउथि पासे, चवणं ६१ नाणं च ६२ पंचमी चवणं । ससिणो ६३ उसमे अट्ठमि, जम्म ६४ वया ६५ सुद्धतइयाए ॥ १४॥ कुंथू नाणं ६६ पंचमि, सिद्धी संभव - अनंत - अजियाणं ६७-६९ । नवमिहि मुक्खो सुमइस्स ७० नाणमिक्कारसीए उ ७१ ॥ १५॥ तेरसि जम्मो बीरे ७२, पुन्निम पउमस्स नाणमह ७३ बहुले । वइसाहपडिवबीया, कुंथू तह सीयले मुक्खो ७४-७५ ॥ १६ ॥ पंचमिहि कुंथु दिक्खा ७६, सीयल चुइ छट्टि ७७ दसमि नमिमुक्खो ७८ । तेरसि जम्मो ७९ चउदसि, दिक्खा ८० नाणा ८१ अणंतस्स ॥ १७॥ चउदसि जाओ कुंथू ८२, सिय चउथि चुओऽभिनंदणो ८३ जय | सत्तमि धम्मोवि चुओ ८४, अट्ठमि अभिनंदणो सिद्धो ८५ ॥ १८ ॥ जम्मट्ठमि ८६ नवमि वयं ८७, सुमइजिणे दसमि केवलं वीरे ८८ । बारसि तेरसि चुइ विमल - अजिय ८९ - ९० अह जिट्ठबहुलम्मि॥ १९॥ छट्टि चुई सेयंसे ९१, सुव्वय जम्मट्ठमी ९२ नवमि मुक्खो ९३ । जम्मो ९४ मुक्खो ९५ तेरसि, चउदसि दिक्खा य संतिस्स ९६ ॥ २० ॥ सिय पंचमीऍ मुक्खो धम्मे ९७ नवमीइ वासुपूज्जचुई ९८ । बारसि सुपासजम्मा ९९, तेरसि दिक्खा सुपासस्स १०० ॥ २१ ॥ आसाढाइ चउत्थी, उसभचुई १०१ सत्तमी विमलमुक्खो १०२ । नमि दिक्खा नवमीए १०३, सिय छट्ठिहि वीरजिणचवणं १०४ ॥ २२ ॥
१. 'सुमई' इति मु० ।
२. 'इ' इति 'य' इति अ० ।
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