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________________ क्र० ग्रंथनाम रचना समय टीका नाम टीकाकार अवचूरि* अज्ञात कर्तृक अवचूरि* अज्ञात उद्धार* अज्ञात कर्तृक ३. सर्वजीवशरीरावगाहना स्तव* ४. पिण्डविशुद्धि प्रकरण सं० ११७८ सं० ११७६ सं० १२९५ सं० १६२९ वृत्ति। श्री चन्द्रसूरि लघु वृत्ति यशोदेवसूरि दीपिका. उदयसिंहसूरि टीका* अजितदेवसूरि दीपिका* अज्ञात कर्तृक अवचूरि* अज्ञात कर्तृक अवचूरि* अज्ञात कर्तृक पंजिका* अज्ञात कर्तृक अवचूरि* श्रीचन्द्र टीका* अज्ञात कर्तृक टीका* कनककुशल बालावबोध* संवेगदेवगणि सं० १५१३ ५. श्रावकव्रत कुलक* ६. पौषधविधि प्रकरण ७. प्रतिक्रमण सामाचारी ८. स्वप्रसप्ततिका ९. द्वादशकुलक १०. धर्मशिक्षा प्रकरण ११. सङ्घपट्टक वृत्ति* यु० जिनचन्द्रसूरि सं० १६१७ स्तबक * विमलकीर्ति १७वीं शता० टीका* सर्वदेवसूरि १३वीं शता० टीका। जिनपालोपाध्याय सं० १२९३ टीका* जिनपालोपाध्याय सं० १२९३ बृहद् वृत्ति जिनपतिसूरि १३वीं शता० लघु वृत्ति। हर्षराजोपाध्याय १६वींशता वृत्ति। लक्ष्मीसेन सं० १५१३ वृत्ति* विवेकरत्नसूरि अवचूरि। साधुकीर्ति उपाध्याय सं० १६१९ पंजिका* देवराज बालावबोध* लक्ष्मीवल्लभोपाध्याय १८वीं शता० १२. शृङ्गारशतक* १३. प्रश्रोत्तरैकषष्टिशत* टीका* अवचूरि* अवचूरि * पुण्यसागरोपाध्याय सं० १६४० सोमसुंदरसूरिशिष्य १६वीं शता० कमलमंदिरगणि १७वीं शता० प्रस्तावना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002681
Book TitleJinvallabhsuri Granthavali
Original Sutra AuthorVinaysagar
Author
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2004
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size12 MB
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