________________
भेट।
ऑनरेबल श्रीयुक्त पं० मदनमोहन मालवीयजीके
कर-कमलोंमें सादर समर्पित । माननीय,
महात्मा गाँधीजी और आपका गाढ स्नेह-सम्बन्ध है। आपका एक-दूसरेके प्रति बड़ा ही आदरभाव है। आप दोनों ही देशके उन उज्वल रनोंमें हैं कि जिनका, देशवासियोंका कल्याण करना ही एक महाव्रत है। तब जनताकी कल्याण-कामनासे मैं आपको एक ऐसे व्यक्तिका परिचय दूँ जिनकी महात्मा गाँधीजीके जीवन पर भी गहरी छाप पड़ी है; और महात्माजीका बड़ा ही आग्रह है कि मैं आपको उन व्यक्तिका परिचय दूँ । वे व्यक्ति हैं श्रीमद् राजचन्द्र । पुण्यसे मुझे उनके अनुज होनेका सौभाग्य प्राप्त है; अतएव उनकी एक पवित्र कृति उनके थोडेसे परिचयके साथ लेकर मैं इस आशासे आपकी सेवामें उपस्थित हूँ कि आप और महात्मा गाँधीजीके द्वारा श्रीमद् राजचंद्रके जीवनके अनुभवका जगत्को लाभ हो--उसके द्वारा जनताका कल्याण हो ।
विनीत, मनसुखलाल रवजीभाई महेता ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org