________________
स्वर्गीय शतावधानी श्रीमद्राजचन्द्रविरचित
आत्मसिद्धि |
संस्कृत पद्य-लेखक,
श्रीयुक्त पं० बहेचरदास, न्याय और व्याकरणतीर्थं ।
हिन्दी - लेखक और सम्पादक,
श्रीयुक्त पं० उदयलाल काशलीवाल ।
Jain Education International
प्रथम संस्करण |
मूल्य एक रुपया ।
१९७५ असाढ़ ।
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org