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________________ स्टैण्डर्ड टाइम को लोकल टाइम बनाने की विधि-स्टैण्डर्ड टाइम ( Standard time ) प्रायः समस्त भारत में एक ही होता है। क्योंकि ये प्रचलित घड़ियाँ एक ही साथ मिलायी जाती हैं, इनमें हर जगह एक ही साथ १२ बजते हैं और एक ही साथ दो । लेकिन धूपघड़ी का समय प्रत्येक स्थान का भिन्न-भिन्न होता है । आरा में धूपघड़ी के अनुसार जिस समय १२ बजते हैं उस समय आगरे में ११ बजकर ३५ मिनट ही समय होता है। इस अन्तर को दूर करने के लिए ज्योतिष में दो संस्कारों की व्यवस्था की गयी है । एक वेलान्तर और दूसरा देशान्तर । जब स्थानीय धूपघड़ी में १२ बजते हैं तब मध्याह्न काल में सूर्य ठीक सिर के ऊपर नहीं रहेगा, कुछ पूर्व या पश्चिम की ओर रहेगा। वर्ष में केवल चार बार ही सूर्यघड़ी में १२ बजने पर सूर्य ठीक सिर के ऊपर आवेगा, अवशेष दिनों में मध्यम मध्याह्न और स्पष्ट मध्याह्न का अन्तर जानने के लिए वेलान्तर संस्कार किया जाता है । स्टैण्डर्ड टाइम से लोकल टाइम ( स्थानीय समय ) ज्ञात करने के लिए देशान्तर संस्कार करना पड़ता है। स्टैण्डर्ड टाइम भारतवर्ष में ८२।३०' रेखांश ( तूलांश ) का है। इससे अधिक ( Longitude ) में एक अंश अन्तर में ४ मिनट के हिसाब से स्टैण्डर्ड टाइम में धन अथवा ऋण-स्टैण्डर्ड टाइम के रेखांश से इष्ट स्थान का रेखांश अधिक हो तो धन और कम हो तो ऋण कर देने से इष्ट स्थानीय समय आ जाता है । लेकिन यहाँ वेलान्तर संस्कार करना भी आवश्यक है। नवम्बर मास में मध्यम मध्याह्न और स्पष्ट मध्याह्न का अन्तर १६ मिनट के लगभग हो जाता है। यदि ज्योतिषी इष्टकाल में इन दोनों संस्कारों को न करे तो बड़ी भारी भूल रह जायेगी। आगे दी गयी वेलान्तर सारणी में जहाँ धन लिखा हो वहाँ उन महीनों की उन तारीखों में जोड़ना और जहाँ ऋण हो, वहाँ घटाना चाहिए। वि. सं. २००१ वैशाख शुक्ला द्वितीया सोमवार को दिन के २ बजकर २५ मिनट पर आरा में किसी बालक का जन्म हुआ है। इस स्टैण्डर्ड टाइम का आरा की धूपघड़ी के अनुसार समय निकालना है। आरा का रेखांश ( Longitude ) आगेवाली अक्षांश-देशान्तर बोधक सारणी में ८४।४०' दिया है और स्टैण्र्डड टाइम का रेखांश ८२।३०' है, दोनों का अन्तर किया-( ८४॥४०-८२०।३०') = २२।१०' अन्तर हुआ। इसे ४ मिनट प्रति अंश के हिसाब से गुणा किया तो ८ मिनट ४० सेकेण्ड हुआ। स्टैण्डर्ड टाइम के रेखांश से आरा का रेखांश अधिक है, अतएव स्टैण्डर्ड टाइम में इस आगत फल को जोड़ना चाहिए । २ । २५ । ० ८। १० २ । ३३ । १० हुआ । वेलान्तर संस्कार करने के लिए आगे दी गयी वेलान्तर सारणी में जन्मदिन-२४ अप्रैल का फल मारतीय ज्योतिष Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002676
Book TitleBharatiya Jyotish
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1981
Total Pages562
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Jyotish
File Size22 MB
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