________________ 512 इषुकारनरः कश्चित् [ 49 / 187 / 258 [ ] घटमौलिसुवर्णार्थी [ आप्तमी श्लो० 59] 571358 / 350 घ्राणादितोऽनुयातेन [ ] 33 / 1 / 140 ईर्याभाषणादान-[ ] 44 / 1 / 160 [उ ] * उपपत्तिश्चोपलब्ध्य-[ ] 32 / 130 / 136 उपमानमपि सादृश्यात् [ शाबर भा० 1 / 1 / 8] 74 / 534 / 441 [ ऊ ] ऊर्ध्वगौरवधर्माणो [त० भा० 107] 52 / 245 / 282 ऊध्वं सत्त्वविशालः [सांख्यका 54] 35 / 9 / 144 ऊर्मिषट्कातिगं रूपम् [न्यायम० प्रमे० पृ०७] 52 / 250 / 288 षड्दर्शनसमुच्चये [क] कइणं भंते दब्वा पण्णत्ता [ ] 49 / 195 / 261 कर्मक्षयाद्धि, मोक्षः [ ] . 52 / 2611296 कः कण्टकानां प्रकरोति [बुद्धच० 9 / 62] 1 / 24 / 20 क्वचित् [हैम० 5 / 1 / 171] 1 / 12 / 8 कारणमेव तदन्त्यम् [ . ] 49 / 181 / 255 कालाभावे च गर्भादि [शास्त्रवा० श्लो० 167] श२०१६ काल: पचति भूतानि [ महाभा० हारीत सं०] 1 / 20 / 16 किंच कालादृते नैव [ शास्त्रवा० श्लो० 166 ] 1 / 20 / 16 कुलालचक्रे दोलायाम् [त. भा० 1017] 52 / 244 / 281 को दुक्खं पाविज्जा [ ] 46 / 4 / 163 क्षणिकाः सर्वसंस्कराः [ ] 1027 / 21 क्षीरे दधिभवेदेवम् [ मी० श्लो० अभाव० श्लोक 5 ] 76 / 546 / 447 - [ज ] जातिरेव हि भावानां [ ] 7.59 / 47 जावइया वयणपहा [ सन्मति 3 / 47] 1616 / 12 जे एग जाणइ [ ] 55 / 349 / 334 जेसु अनाएसु तओ [ ] 55 / 349 / 334 जो तुल्लसाहणाणं [ ] 50216271 ज्ञातसंबन्धस्यैकदेश....[शाबर भा० 111 / 5] 7315311440 ज्ञानमप्रतिघं यस्य [ ] 13 / 12 / 81 ज्ञानमप्रतिघं यस्य [ महाभा० वन प०३०] 121 / 17 ज्ञानादयस्तु भावप्राणा [ ] 52 / 245 / 283 ज्ञानिनो धर्मतीर्थस्य [ ] 52 / 284 / 308 ज्ञानिनो धर्मतीर्थस्य [ ] 46 / 9 / 165 [ए] एक एव हि भूतात्मा [त्रि० ता० 5 / 10] 67 / 512 / 430 एकादश जिने [त० सू० 9 / 18] 461851209 एको भावः सर्वथा येन दृष्टः [ ] 55 / 349 / 334 एक चेत्तत्कथं चित्रम् [ प्रश० क० पृ० 30] 57 / 382 / 372 एरण्डयन्त्रपेडासु [ त० भा० 107] 52 / 245 / 282 एषामंन्द्रियकत्वेऽपि [मी० श्लो० चोदना सू० श्लो० 13 ] 711524 / 438 [ग] गतानुगतिको लोकः [ न्यायम० प्रमा० पृ० 11] 3074 / 116 गुणदर्शी परितृप्यन् [प्र. व. 11219-221] 52 / 259 / 294 गुणपर्ययवद्रव्यम् [ त० सू० / 5 / 38] 49 / 164 / 249 [ त ] / तत्पूर्वकं त्रिविधमनुमानम् [ ] 19 / 32 / 92 तत्त्वाध्यवसायसंरक्षणार्थम् [ न्यायसू० 4 / 2 / 50 ] 29 / 70 / 114 ततोऽप्यूर्ध्वगतिस्तेषाम् [ त. भा० 1017] 52 / 245 / 282 [ औ] . ओंबेकः कारिकां वेत्ति [ ] 113733 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org