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________________ १३ बिमल १४ अनंत १५ धर्मनाथ १६ शान्तिनाथ १ कुंघुनाथ १८ अरनाथ | २२ नेमिनाथ २३ पार्श्वनाथ ૨૪ उत्तराभावपद ६ मल्लिनाथ अश्विनी महावीर रेवती २० मुनिसुव्रत श्रवण Jain Education International पुष्य २१ नमिनाथ अश्विनी २८ भरणी कृत्तिका रेवती चित्रा विशाखा उत्तररा फाल्गुनी गौ हस्ति श्रज हस्ति श्रज हस्ति श्रश्व वानर अश्व व्याघ्र प्रतिष्ठादिक के मुह गो मनुष्य देव देव मनुष्य देव देव देव देव राक्षस व्याघ्र राक्षस ह राक्षस ३ वृषभ मनुष्य IS ✔ ह - मीन ४ | $ ! | मीन मेष मेष मकर मेष कन्या मीन गुरु तुला कन्या गुरु For Private & Personal Use Only गुरु चंद्रमा मंगल शुक्र मंगल शनि मंगल बुध शुक्र बुध मध्य संस्थ मध्य मध्य अंत्य अंत्य श्राद्य अत्य साध मध्य श्रीय श्राद्य ( १६३ ) ७ हरिण १ गरुड २ सर्प शेष २ बाल १ गरुड ६ उंदर ५ ६ उंदर ५ सर्प ६ उदर ६ उंदर www.jainelibrary.org
SR No.002673
Book TitleVastusara Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagwandas Jain
PublisherGyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
Publication Year1936
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size9 MB
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