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________________ आदर्श जीवन । hAAAAAS. - महाराज श्रीहीरविजयजी (५) मुनि महाराज श्रीकमल विजयजी (६) मुनि महाराज श्रीसुमतिविजयजी प्रसिद्ध नाम स्वामीजी महाराज (७) मुनि महाराज श्रीअमरविजयजी, (८) मुनि महाराज श्रीप्रेमविजयजी (९) मुनि महाराज श्रीमाणिकविजयजी (१०) हमारे चरित्रनायक मुनि महा राज श्रीवल्लभविजयजी (११) मुनि महाराज श्रीज्ञानविजयजी (१२) मुनि महाराज श्रीलब्धिविजयजी (१३) मुनि महाराज श्रीमानविजयजी (१४) मुनि महाराज श्रीजशविजयजी (१५ ) मुनिमहाराज श्रीशुभविजयजी तपस्वी, और (१६) मुनि महाराज श्रीमोतीविजयजी । इस तरह कुलं सोलह साधु थे । अजमेर श्रीसंघमें बड़ा उत्साह था । श्रीसंघने समवसरणकी रचना कराई और अठाई महोत्सवकर अपने आपको कृतकृत्य किया। आचार्यश्रीके साथं उपर्युक्त सभी साधुओंका एक ग्रूप लिया गया था। वह यहाँ दिया जाता है । इसमें आचार्य महाराजंके पीछे जो साधु खड़े हैं उनमें तीनकी संख्यावाला फोटो हमारे चरित्र नायक का है । यही आपका साधु पर्यायका प्रथम दर्शन है । ग्रूपसे जुदा भी हमने यह फोटो दे दिया है । ... अजमेरसे विहार करके आचार्यश्री सपरिवार जयपुर पधारे । वहाँ बड़ी धूमसे स्वागत हुआ । अठाई महोत्सक्के कारण कुछ समयतक यहाँ आचार्यश्रीको ज्यादा ठहरना पड़ा। यहाँ श्रीहर्ष विजयजी महाराजकी तबीअत फिर खराब Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002671
Book TitleAdarsha Jivan Vijay Vallabhsuriji
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranthbhandar Mumbai
Publication Year
Total Pages828
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size12 MB
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