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________________ आदर्श जीवन | सूरीजी महाराजजी साहेब. तथा श्री उपाध्यायजी महाराज साहेब आदि मुनि मंडलनी पवित्र सेवमां श्री वडोदराथी ली ० आपनो सेवक चिमनलाल विगेरेनी वंदना १००८ बार अवधारसोजी आप साहेबना दर्शननो पत्र घणाज दिवसथी नथी तो सेवक पर पत्र लखवा आपना कोमल हस्तने जरा वार तस्दीदेशोजी. आप साहेब आचार्य पदवी पाम्या छो तेम उपाध्यायजी महाराज सो. वि. थया छे जे थी हमारा दिल मां हर्ष रेतो नथी हमने तो शुं पण वडोदरानो श्री संघ घणोज खुशी थई गयो छे । . ( १५ ) ५०६ वदि ८ वार शुक्र स्वस्ति श्री लाहोर मध्ये छत्रीस गुणधारक बाल ब्रह्मचारी महाव्रत धारी जीवदया गुण भंडार श्री श्री श्री आचार्य महाराज श्री वल्लभ सूरीश्वर तथा उपाध्यायजी सोहनविजयजी वगेरे साधु मंडल, सुरत बंदरथी ली ० तलकचंद दयाचंद तथा धर्मचंद वीगेरेना १००८ वार वंदना आपना चरण सेवामां कबूल करशो, "विशेष लखवानुं के भावनगरनुं चोपानीयुं आत्माराम सभानुं वांची घणोज आनंद थयो छे तेमज जैन पेपर वांच्युं तथा प्रजामित्र वांची वाकेफ थया छीए अती आनंद थया छीए, अमो तुमारो उपगार घडीपण वीसरता नथी, तुमो उपगारी मुनि महाराजनी धर्मलाभनी राह जोतो बैठो छु । Jain Education International रतनचंदना वंदना वांचशोजीः For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002671
Book TitleAdarsha Jivan Vijay Vallabhsuriji
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranthbhandar Mumbai
Publication Year
Total Pages828
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size12 MB
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