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मास में होने वाली है। देहली के मुखिया लोग देहली में चातुर्मास करने के लिये विनती के निमित्त आये और आग्रह भरी विनती की, परन्तु बड़ौत निवासियों की भक्ति और शासन की प्रभावना को विचार कर आपने बड़ौत में ही चातुर्मास करना ठीक समझा। यद्यपि चौमासे में आपका शरीर कुछ नरम रहा तथापि बड़ौत श्री संघ को अच्छा लाभ मिला और उनके उत्साह में बड़ी वृद्धि हुई ।। ____बड़ौत से विहार करके आप देहलो पहुँचे। भारतवर्ष को राजधानी होने के कारण नगर की शोभा अपार है। जैनों की भी अच्छी बस्ती है और सबके सब अच्छे समृद्धिशाली और धर्म की वासना से वासित हैं। आचार्य महाराज के वहां पहुंचने से उनकी प्रसन्नता का पारावार न रहा । आपके प्रवेश के समय अजीब चहल पहल थी। देखने वालों को यह दृश्य भी चिरकाल तक याद रहेगा।
आप डेढ़ मास वहां ठहरे। व्याख्यान में खूब भीड़ रहती थी। आपके व्याख्यान का विषय भी 'ओम्' की रोचक और विद्वत्तापूर्ण व्याख्या था। इन्हीं दिनों में श्री आत्मानन्द जैन गुरुकुल, गुजरांवाला के सम्बन्ध में ४, ५, ६ दिसम्बर, १९२६ को सर्व साधारण सभा का वार्षिक अधिवेशन हुआ। पंजाब के प्रतिनिधिगण व अन्य स्त्री-पुरुष अच्छी संख्या में एकत्रित हुये। सभापति का
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