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हमारे बालाश्रम के जिन मंदिर का प्रतिष्ठा महोत्सव नजदीक होने से हम सब प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियां करने में जुटे हुए हैं, इसलिए इस पुस्तक में प्रस्तावनादि नहीं दे सके हैं।
परन्तु हमको हर्ष इस बात का है कि मरुधरोद्धारक प्रखरशिक्षा प्रचारक आचार्य महाराज १००८ श्री मद्विजयललितसूरिजी के अथक परिश्रम और उन्हीं की कृपा से थोड़े समय में इस जीवन चरित्र को हम प्रकाशित कर पाठकों के करकमलों में समर्पण कर रहे हैं।
शीघ्रता के कारण अशुद्धियां आदि रह जाना स्वाभाविक व क्षम्य है, अतः पाठक सुधार कर पढ़ें। सुज्ञेषु किंबहुना ।
मार्गशीर्ष शुक्ला प्रतिपदा
ता. २२-११-३८
निवेदकश्री पार्श्वनाथ जैन उम्मेद बालाश्रम
उम्मेदपुर (मारवाड़)
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