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प्राप्त करना चाहे वह भेंट देनेका निर्णय किया है । अंगरेजी जीवनी भी प्रो. श्री पटनीजीने ही लिखी है। गुजराती जीवनीके लेखक हैं श्री रतिलाल दीपचन्द देसाई । अंगरेज़ी व गुजरातो जीवनी जन्मशताब्दी समारोह के अवसर पर ही प्रकाशित की गई थी। इस हिन्दी पुस्तकको इतने अधिक विलम्बसे प्रकाशित करनेके लिये हम समितिके सदस्योंके हृदयसे क्षमाप्रार्थी हैं।
इस युगके एक समर्थ व प्रभावक संघनायककी यह जीवनकथा हम सभीके लिए प्रेरणारूप होकर हमें समाजसेवा एवं धर्मपालनके प्रति प्रोत्साहित करे यही शुभ कामना।
पोपटलाल भीखाचन्द्र बम्बई,
अध्यक्ष, चैत्र शुल्का पूर्णिमा,
आचार्य श्री विजयवल्लभसूरीश्वरजी वि. सं. २०२७
जन्मशताब्दी समिति
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