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आवश्यक क्रिया
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कृति है। यदि दस आगमों के उल्लेख का क्रम, काल-क्रम का सूचक है तो यह मानना पड़ेगा कि 'आवश्यक-सूत्र' श्री शय्यंभव सूरि के पूर्ववर्ती किसी अन्य स्थविर की, किंवा शय्यंभव सूरि के समकालीन किन्तु उनसे बड़े किसी अन्य स्थविर की कृति होनी चाहिए । तत्त्वार्थ-भाष्य-गत 'गणधरानन्तर्यादिभिः' इस अंश में वर्तमान 'आदि' पद से तीर्थकर-गणधर के बाद के अव्यवहित स्थविर की तरह तीर्थकर-गणधर के समकालीन स्थविर का भी ग्रहण किया जाय तो 'आवश्यकसूत्र' का रचना-काल ईस्वी सन् से पूर्व अधिक से अधिक छठी शताब्दि का अन्तिम चरण ही माना जा सकता है और उसके क रूप से तीर्थकर-गणधर के समकालीन कोई स्थविर माने जा सकते हैं । जो कुछ हो, पर इतना निश्चित जान पड़ता है कि तीर्थकर के समकालीन स्थविरों से लेकर भद्रबाहु के पूर्ववर्ती या समकालीन स्थविरों तक में से ही किसी की कृति 'आवश्यक-सूत्र' है। - मूल 'आवश्यक-सूत्र' की परीक्षण-विधि- मूल 'आवश्यक' कितना है अर्थात् उसमें कौन-कौन सूत्र सन्निविष्ट हैं, इसकी परीक्षा करना जरूरी है; क्योंकि आजकल साधारण लोग यही समझ रहे हैं कि 'आवश्यक-क्रिया में जितने सूत्र पढ़े जाते हैं, वे सब मूल 'आवश्यक' के ही हैं। मूल 'श्रावश्यक' को पहचानने के उपाय दो हैं--पहला यह कि जिस सूत्र के ऊपर शब्दशः किंवा अधिकांश शब्दों की सूत्र-स्पर्शिक नियुक्ति हो, वह सूत्र मूल 'श्रावश्यक'-त है। और दूसरा उपाय यह है कि जिस सूत्र के ऊपर शब्दशः किंवा अधिकांश शब्दों की सूत्र-स्पर्शिक नियुक्ति नहीं है; पर जिस सूत्र का अर्थ सामान्य रूप से भी नियुक्ति में वर्णित है या जिस सत्र के किसी-किसी शब्द पर नियुक्त है या जिस सूत्र की व्याख्या करते समय आरम्भ में टीकाकर श्री हरिभद्र सूरि ने 'सूत्रकार पाह' तच्च इदं सूत्रं, इमं सूत्रं' इत्यादि प्रकार का उल्लेख किया है, वह सूत्र भी मूल 'श्रावश्यक'-गत समझना चाहिए ।
पहले उपाय के अनुसार 'नमुक्कार, करेमि भंते, लोगस्स, इच्छामि खमासमणो, तस्स उत्तरी, अन्नत्थ, नमुक्कारसहिय आदि पच्चक्खाण-' इतने सूत्र मौलिक जान पड़ते हैं।
दूसरे उपाय के अनुसार 'चत्तारि मंगलं, इच्छामि पडिक्कमिउं जो मे देवसिश्रो, इरियावहियाए, पगामसिज्जाए, पडिक्कमामि गोयरचरियाए, पडिक्क मामि चाउक्कालं, पडिस्कमामि एगविहे, नमो चउविसाए, इच्छामि ठाइडं काउस्सग्गं, सब्वलोए अरिहंतचेइयाणं, इच्छामि खमासमणो उवहिश्रोमि अभितर पक्खियं, इच्छामि खमासमणो पियं च में, इच्छामि खमासमणो पुवि चेह
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