SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 33
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ संक्षिप्त परिचय (१९) आध्यात्मिक विकासक्रम-गुणस्थानके तुलनात्मक अध्ययन संबंधी तीन लेख; सन् १९२५; प्रकाशक: शंभुलाल ज० शाह, अहमदाबाद । (२०) निग्रंथ संप्रदाय—महत्त्वके प्राचीन तथ्योंका ऐतिहासिक निरूपण; हिन्दीमें; सन् १९४७, प्रकाशक : जैन संस्कृति संशोधक मंडल, बनारस । (२१) चार तीर्थकर भगवान ऋषभदेव, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ तथा महावीर संबंधी लेखोंका संग्रह; हिन्दीमें; सन् १९५४; प्रकाशक उपर्युक्त । (२२) धर्म और समाज-लेखोंका संग्रह; हिन्दीमें; सन् १९५१; प्रकाशक : हिन्दी ग्रन्थ-रत्नाकर कार्यालय, बम्बई । (२३) अध्यात्मविचारणा—गुजरात विद्यासभाकी श्री. पोपटलाल हेमचंद्र अध्यात्म व्याख्यानमालाके अंतर्गत आत्मा, परमात्मा और साधनाके संबंधमें दिये गये तीन व्याख्यान, गुजरातीमें; सन् १९५६; प्रकाशक : गुजरात विद्यासभा, अहमदाबाद । (२४) भारतीय तत्त्वविद्या-महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी, बड़ौदाके तत्त्वावधान में महाराजा सयाजीराव ओनरेरियम लेक्चर्सके अंतर्गत जगत, जीव और ईश्वर के संबंधमें दिये गये पाँच व्याख्यान; प्रकाशक : बड़ौदा यूनिवर्सिटी (प्रेसमें )। इनके अतिरिक्त दार्शनिक, धार्मिक, साहित्यिक, सामाजिक और राष्ट्रीय विषयोंसे सम्बद्ध अनेक लेख पंडितजीने गुजराती और हिन्दीमें लिखे हैं । इनमेंसे अधिकांश लेख 'पंडित सुखलालजी सन्मान समिति की ओरसे प्रकाशित 'दर्शन अने चिंतन' नामक गुजरातीके दो ग्रन्थों में तथा 'दर्शन और चितन' नामक हिन्दीके एक ग्रन्थमें संगृहीत किये गये हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002661
Book TitleDarshan aur Chintan Part 1 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSukhlal Sanghavi
PublisherSukhlalji Sanman Samiti Ahmedabad
Publication Year1957
Total Pages950
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy