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नि० २९९)
ऋषभचरितम् । अहेव गया मोक्ख, सुभूमो वंभो अ सत्तमि पुढविं । मघवं सर्णकुमारो, सणकुमारं गया कप्पं ॥ वणेण वासुदेवा, सव्वे नीला बला य मुक्किलया । एएसि देहमाणं, वुच्छामि अहाणुपुबीए ॥ पढमो धणसीई सत्तरि सही पण्ण पणयाला । अउणतीसं च धणू, छब्बीसा सोलस दसेव ।। बलदेववासुदेवा, अट्टेव हवंति गोयमसगुत्ता । नारायणपउमा पुण, कासवगुत्ता मुणेअव्वा ॥ चउरासीई विसत्तरि सट्ठी तीसा य दस य लक्खाई । पण्णहि सहस्साई, छप्पण्णा वारसेगं च ॥ पंचासीई पण्णत्तरी अ पण्णटि पंचवण्णा य । सत्तरस सयसहस्सा पंचमए आउअं होइ । पंचासीई सहस्सा पण्णट्ठी तह य चेव पण्णरस । बारस सयाई आउं, वलदेवाणं जहासंखं ॥ पोषण बारवातिगं अस्सपुरं तह य होइ चक्करं । वाणारसि रायगिहं अपच्छिमो जाओ महुराए ॥ मिगावई उमा चेव, पुहवी सीआ य अम्मया । लच्छीमई सेसमई, केगमई देवई इय ॥ भद सुभदा मुप्पभ सुदंसणा विजय वेजयंती अ । तह य जयंती अपराजिआ य तह रोहिणी चेव ॥ हवइ पयावइ, बंभो रुद्दो सोमो सिवो महसिवो अ । अग्गिसिहे अ दसरहे, नवमे भणिए अ वसुदेवे ॥ परिआओ पन्नज्जाऽभावाओ नत्थि वासुदेवाणं । होइ पलाणं सो पुण, पठमऽणुभोगाभो णायन्यो । एगो अ सत्तमाए, पंच य छट्ठीए पंचमी एगो । एगो अ चउत्थीए, कण्हो पुण तच्चपुढवीए ॥ अहंतगडा रामा एगो पुण बंभलोगकप्पंमि । उववण्णु तत्थ भोए भोत्तुं अयरोवमा दस उ ॥ .
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