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संधि कडवक
पंक्ति
अशुद्ध
शुद्ध
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सुसखुड़
सुसंवुड
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मयक-मडलि
मयंक-मंडलि
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-दडु निसुणतउ
निसुणंतउ तुधुरु...स्टठउ...झणि... तुंबुरु...रुडउ...झुणि... निसुणतउ
निसुणंतउ पयडमेव...परूवतया पयडमेवं...परूवंतया त जारिस....त तारिस तं जारिस...तं तारिस मच्चतमुक्कठिओ...पहेण मच्चंतमुक्कंठिओ...पहेणं सम्म
सम्म दिक्ख च सिक्ख च सपइ दिक्खं च सिक्ख च संपह
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नाह ससाहणं भोग सुगो सपय कथारि गधेण कथारि कुडगहि अतरालि कुकुम
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नाहं संसोहणं भोगूसुगो संपयं कथारि गंधेण कंथारि-कुडंगहि अंतरालि कुंकुम कुडंग चंदजसु इत्थंतरि वंदद
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चदजसु इत्थतरि वदह सदेहा० वदिय सुदसणपुरि णि जाइउ
संदेहा०
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वंदिय सुदंसणपुरि णिजाइउ
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वछ उ भक्खण पत्तय
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वंछीउ भक्खणं पत्तय दुहं सुंदरि
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सुदरि
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