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________________ १९१ मेल् मेळवद्यु, एकठं करवू वरसालउ चोमासु मेलापक मेळाप वरंडी नीचो कोट, वंडी मेह वरसाद वर्णव् वखाणबु मोकलाव् विदाय लेवी वरांस्' भ्रममां पडवु मोजडा जोडा वरांसइ भूलथी . रइवाडी राजानी सवारी वरांसउ खोटो भरोसो, भूल, भ्रम रति (स्त्रीनी) ऋतु, रजस्रावनो समय वरि भले रतिवंती ऋतुमती, रजस्वला वहियावटि वही रतोरतिई रातोरात वहिरउ वहेरो, फरक राख् रक्षण करवु वहिर् वोरवू राती अनुरक्त वहीआली, वहयाली घोडा खेलववानुं स्थान रात्रि विहाणी वहाणु थयु वंदरवालि वंदनमाला, शोभा माटे लटकावेली रामति रमत माळा रांदु दोरडु, रांढवु वंसियालि वांसनु जालु रोसाव् रीसावु वाय् वगाडवु रीसाणु काप्यो गुस्से थयो वाखर माल रुलियामणउं रळियामणु वाग लगाम रुलियायति (स्त्री.) रळियात, आनंद-उमंग वाछरूया वाछरू रूसु (-ना उपर) गुस्से थर्बु वाटली, वाटुली गोळ लहू प्राप्त कर वाणउत्र वाणोतर लहुडपण बचपण वाणही मोजडी लालरी करचली वाथ् वधवु लालिपालि लल्लोचप्पो, खुशामत वानगी वानगी लाख नाखवू वार (कोधी) सहाय (कर) लुक् संतावू वालंभपण वहाल लूस-लूटवु वासगृह, वासघर शयनगृह लोटाड् सुवा वाहरइ आव्या वार करी, संकटमां सहाय लोटीकगणउं आळोटवु लोहखंड लोखंड विकल्प शंका लोंग लविंग विखवाद विषाद वउल वीतयु विगड घी वगेरे विकारजनक खाद्य वस्तु वड आंटो, वोटो विगूच निंदा कराववी, उतारी पाडवु वड झ झु विचालइ दरमियान वणिगपुत्र वाणोतर विछाहू ढांकQ वधार ओलवयु (दीवो) विछोहिंउ विखूटो पाइयो वधराव् वधाववू विणठं विनास्थु वरणउं वरण वितू ७० क्षुल्लक काम, कनिष्ठ काम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002655
Book TitleSilopadesamala Balavbodh
Original Sutra AuthorMerusundar Gani
AuthorH C Bhayani, R M Shah, Gitaben
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1980
Total Pages234
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size14 MB
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