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________________ अऊठ साडा ऋण अग्निदाघ अग्निदाह अजी हजी अठील बेडी अणसण अनशन अधविचि अधवच अधिकउ अदको, वधारानो अनेथि अन्यत्र, बीजे अनेरउ बजु, अन्य अपभ्राजना हीणपत, अवमानना अपारि (भलउ ) घणुं (सारं ) अमावस अमास अलगउं दूर, आघुं अवदात यशस्वी कार्य अवश्रावणा घोषणा असमाधि चिंता, उपाधि महत्वना शब्दोनी सार्थ सूची अहिनाण घाण अंगमोटन अंग मरोडं अंगोलगु अंगसेवक अंतपुरी राणी अंतेउरी अंतःपुरनी स्त्री, राणी आऊखु, आऊखउ आयखु, आयुष्य आगता - स्वागत (नपुं. ) आगतास्वागता आदित्यवार आतवार, रविवार आगम् आवकारखु आगिम आगळथी, पहलेथी आप पोते आपणइ पोते आपणडं पोतानु आपणपानइ आपणने आपणी आपोआप आपणीइ पोते आफणी, आफहणी आपोआप आभरं वादळु आभड् अडवु Jain Education International आम तात हे तात ! आय-वरउ आय-व्यय आरेणि प्रथम हरोळनुं युद्ध आलोय् आलोच आलोयणड आलोच आव् आवडवु आवs आवs आसोज आसो आस्वासना आश्वासन आहणू मारखं आहे शिकार ईग्यारस अगियारस वाह ईंटो भाडो उरई -पई अहींतहीं अटिंगे उठीं उत्तरासण उत्तरासंग उरडउ ओरडो उरतउ ओरतो, अप्राप्तनी शंखना माई ओरमा उलिउ ओल्युं उसन्न शिथिलाचारी (साधु) उसर पेखणु, नाटक- भवाई जेवो तमाशी उहदू हटवु ऊगर् बच ऊगाह् उछाळवु (धूळ) ऊघाडू उघाडु' पडी जवु, घटस्फोट थवो ऊचलू उचाळा भरवा ऊदालू आंचकी लेवु ऊपराठउ नाराज, प्रतिकूळ, विफरेलु ऊपहरउ ऊंच, ऊफरं ऊभग् ५५,५७ कंटाळी जत्रु, थाकत्रु, मनथी थाकवु ऊमण दूमणी खिन्न ऊरण ऋणमुक्त एकण एक ज For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002655
Book TitleSilopadesamala Balavbodh
Original Sutra AuthorMerusundar Gani
AuthorH C Bhayani, R M Shah, Gitaben
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1980
Total Pages234
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size14 MB
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