________________
117.7
118.5
120.17
122 13
122.27
123.5
123.6
123.8
125.24
126.5
130.28
132.19
132,24
138.21
141.1
141.17
142.14
143.1
145.15
145.21
146.1
147.27
149.2
149 5
152.20
152.24
153.14
153.16
153.23
153.23
154 12
155 15
155 25
155.25
Jain Education International
सुदर'
! णेमित्तिणि
गदा
कल-कलाविद
[स] भुगदा
अम्ह
- दाण [? वाण ] अजार के ०
अट्ठा
पयच्छ मे । भुजदु
णिक्ल' त
दुरायारि
•
तुम्मे स्थ
पभोत्तण
पडिसीरिद
परियरिति
कहि
सुहोविदो य । जाणिज्जाघ
सुस्सूसु
इह लोइय पार०
भे
तस्थ एएको
चितितं
पुत्ते
घेत्तणं
बुद्धाए
कदिा
पुणा
डो
विकता
(१) ति
भे
Corrections
बिणमोण
घरणेण
सुदठुदर णेमित्तिणि !
गदो
कलकला विद
[अ] भुगदा
अम्हे
- दाणव (१ दाणवाण' )
अजाए य के०
अठो
पयच्छध । मे भुंजदु
णिक्खत
बुयारं
छाडा
तुमेस्थ
मोसून
पडिसारिद
परियरिति
कह
सुहोविदो य जाणिज्जाव ।
सुस्सू सुसु
इहलोइय-पार•
मे
तत्थ य एको
चितितं
पुवेण
घेणं
बुद्धीए
For Private & Personal Use Only
पुणो
बद्धो
अवकता
सि
मे
विमी
धरणेण
329
www.jainelibrary.org