________________
१२८
विज्ञानमात्रवादो यत् नेत्थं युक्त्योपपद्यते । प्राज्ञस्याभिनेवेशो न तस्मादत्रापि युज्यते ॥ ४१३ ॥
विज्ञान को एकमात्र वास्तविक सत्ता मानने का सिद्धान्त जब इस प्रकार अयुक्तिसंगत सिद्ध होता है तब बुद्धिमानों को चाहिए कि वे इस पर भी जमे न रहें ।
१. ख का पाठ : 'स्यापि निवेशो ।
शास्त्रवार्त्तासमुच्चय
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org