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________________ शब्दार्थ ७२३ परगड-२४३.१७ प्रगट थ, परिवर-११०.११ वीटळावू (सं. परि+वृ) परगडो २४८.२७ प्रकट, प्रसिद्ध परिवाडि २०२.८ परिपाटी, श्रेणी परगर ३.११ परिजन, साथीगण (सं. परिकर) | परिसर ७.१६ आसपासनी जग्या (सं.) परघल ७२.८ पुष्कळ परिसह ३७.२२ कर्मक्षय माटे श्रमणोए सहवानां परचक्र २१.१० अन्यनुं शासन (सं.) कष्टो परतख १९९.९ प्रत्यक्ष परिहर-११.२९ परहरवं, त्याग, (सं. परिह) परतिक्ष २६.२ प्रत्यक्ष परि २००.९ प्रति, उपर परतिख १५.१३ प्रत्यक्ष परीरंभ ७०.१ आलिंगन (सं. परिरंभ) परतीत २४४.१६ प्रतीति, श्रद्धा परे १६२.१० प्रकारे, रीते परतित्या ५.२९ प्रतिज्ञा परोहित १६२.२८ पुरोहित परतो १५.१३ परचो पर्याय ४३.५ अवस्थान्तर परभवियां ९२७ परभवनां पर्षदि ३१.२३ परिषद, सभा, मंडळी, समुदाय परमल ९१.२३ परिमल, सुगंध पल-२६०.५ पळवू, जवु (सं. पलाय) परमाण ५.१४ चरितार्थता, सार्थकता पल १३२.४ मांस (सं.) परमाधामी १७०.४ नरकवासीओने शिक्षा करनार पलव ७७.१० पालव, छेडो देवयोनि (सं. परम + अधार्मिक) पल्योपम ४१.२ एक काळगणना परव २२१.१५, २२२.२१ पवर २१३.२१ प्रवर, श्रेष्ठ, प्रधान परवर-३.११ वीटळावं पवंग २६०.४ घोडा (सं. प्लवंगम) परवाडि, परवाडी २०४.१३, २२१.१३ श्रेणी, | पसाउ ३०.१३ प्रसाद, कृपा रीति, प्रणाली (सं. परिपाटी) पसाय ३.२ प्रसाद, कृपा परषद ९३ परिषद, सभा पसाइ ३.७ प्रसादथी, कृपाथी परसरसी २६१.२५ पह २५७.११ सवार (सं. प्रभात) परं १३२.६ परंतु (सं.) पहिर १२१.२३ परि ८.२६ प्रकारे, रीते पहिरण ११.१४ परिधान, पहेरवेश परिकर १६४.१५ परिजन, सेवकगण, साथीगण | पहु ५५.२६ प्रभु (सं.) पहु / पहू २२२.८, २२२.२३ प्रभु ? परीठ-६४.१४ मूकवू, राखg (सं. परिस्थित पहुत-३.२० पहोंचq परथी) पहेली ३.१४ समस्या, कोयडो (सं. प्रहेलिका) परिठव-२५४.१० स्थापना करवी (सं. प्रस्थाप) पहोचाड-१३९२३ पूरुं करवू, पार पाडवू परिण-८.५ परण, (सं. परि+नी) पंकय २२८.१८ कमळ (सं. पंकज). परिणाम २४४.२० पंचतालीस २५५.४ पिस्ताळीस (सं. परिति ६६.१५ प्रति, सामेनु, प्रतिस्पर्धी ? पंच+चत्वारिंशत्) परितिक्ष २७.२५ प्रत्यक्ष पंचतालीस ३०.१७ पिस्ताळीस परिभव १६९.८ संताप ? पराजय ? पंचमगति ३२.२८ पांचमी जीवगति, मोक्ष परिमाणंद २५८.६ परम आनंद पंचय २१६.१३ पांच (सं. पंचक) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002640
Book TitlePrachin Madhyakalin Sahitya Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayant Kothari
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year2001
Total Pages762
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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