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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org - ग्रन्थ (१) चउत्पन्न महापुरिसचरिय (२) उत्तरपुराण (३) महापुराण अष्टम भव (४) श्रीपार्श्वनाथचरितम् (५) पासचरियं (६) पासणाहचरिउ (७) सिरिपासनाहचरियं (८) त्रिषष्ठि शलाका पुरुषचरित (९) पार्श्वनाथचरितम् पिता का नाम कुशिलबाहु वज्रबाहु 34 "" 123 "" कुलिशबाहु माता का नाम " सुदर्शना प्रभकरी 33 " " 39 " 15 " सुदंसणा वज्रबाहु सुदर्शना पार्श्व का नाम कनकरथ आनद मण्डलेश्वर आम़न्द चक्रवर्ती कनकप्रभ चक्रवर्ती कनकबाहु चक्रवर्ती C सुवणबाहु चक्रवर्ती काकप्रभ कमठ जिस योनि में उत्पन्न हुआ सिंह सिंह सिंह 123 ל, " "" सिंह पार्श्व के मृत्यु कारण सिंह के सिंह के खाने से सिंह के खाने से 35 " " , C | सिंह के खाने से 1 पार्श्व का जीव | कमठ का जीव जिस स्व में जस नरक में गया गया नवम भव ,, प्राणत कल्प आनत つ कल्प चौदहवां कल्प वैजयंत प्राणत दशम कल्प प्राणत कल्प पकप्रभा नाम की नरक नरक "" तमप्र भ धूमप्रभ नरक रौद्र नरक पंकप्रभा नरक चतुर्थ नरक -
SR No.002632
Book TitleParshvanatha Charita Mahakavya
Original Sutra AuthorPadmasundar
AuthorKshama Munshi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1986
Total Pages254
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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