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महाकाव्य का आलोचनात्मक अध्ययन
मानव स्वभाव चित्रण या चरित्रचित्रण स्त्रीपात्र :
_ 'पार्श्वनाथ चरित' महाकाव्य की कथा में श्री पार्श्व, कमठ, राजा अरविन्द, राजा अश्वसेन, राजा प्रसेनजित्, राजा यमन आदि पुरुष पात्र तथा वसुन्धरा, वरुणा, रानी वामा एव' राजकुमारी प्रभावती आदि स्त्रीपात्र उल्लिखित हुए हैं । इनमें से सभी पुरुष पात्रों का चरित्रचित्रण थोड़े यो अधिक शब्दों में हुआ अवश्य है किन्तु इस काव्य में, किसी भी नारी के चरित्र की किसी भी विशेषता को कवि स्थान नहीं दे सका है। शायद इसका कारण कवि के काव्य का उद्देश्य मात्र धर्मदेशना ही रहा हो । कवि ने नारी पात्रों के सौन्दर्य का रेखांकन अवश्य किया है किन्तु उनके स्वभाव, उनकी चरित्रगतविशेषताओंके विषय में अधिक प्रकाश नहीं डाला है ।
कथा को पढते समय कवि के नारी पात्रों के विषय में जो भाव पाठक के मन में उठते हैं उन्हें दृष्टि में रखते हुए इस महाकाव्य की नारियों को यू' देखा जा सकता है। वसुन्धरा :
वसुन्धरा पार्श्व के प्रथम भव के रूप मरुभूति की पत्नी है । वह अत्यधिक सुन्दर है। उसके सौन्दर्य का वर्णन अलग से किया गया है।
वसुन्धरा सुन्दर तो है पर अपनी चरत्रगत विशेषताओं में वह अत्यत कमजोर प्रतीत होती है । वह अपने पति के प्रति निष्ठावान् नहीं है । पतिव्रत धर्म से भ्रष्ट हुई नारी के रूप में उसका चित्रण हुआ है । अपने जेठ (पति के बड़े भाई) के साथ वह दुराचरण में लिप्त रहती है जिसकी खबर उसकी जेठानी एव उसके पति, दोनों को ही पड़ती है, फिर भी वह उसी कार्य में संलग्न है । इसी दुराचरण के फलस्वरूप वह अपने पति और जेठ दोनों को खो देती है। उसकी इस दुवृत्ति के कारण दो भाइयों का सुखी परिवार नष्ट हो जाता है। उसका पति जेठ के हाथों मरता है और उसका प्रेमी (जेठ) देश से निष्कासित तापस का जीवन व्यतीत करता है । अतः देह के समान उसके गुण सुन्दर नहीं हैं। वरुणा: .
बरुणा कमठ के प्रथम भव की पत्नी है । वह अत्यंत दुःखी स्त्री के रूप में अपनी प्रतीति कराती है। कारण कि उसका पति उससे प्रेम ना कर उसकी देवरानी से प्रेम करता है। स्पष्टतः ज्ञात नहीं होता पर सम्भवतः वह सुन्दर ना रही हो, ऐसा लगता है। अन्यथा उसे छोड़ उसका पति रूपवान वसुधरा के प्रति क्यों आकृष्ट होता ?
वह अपने पति के दुराचरण को रोकने के प्रयत्न में ही अपने देवर से अपने पति की शिकायत करती है पर अथ सिद्ध नहीं होता । घर से दोनों ही पुरुषों (पति एव देवर) की छाया चली जाती है ।
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